डूमरबहाल- केंदूवन कच्ची मिट्टी सड़क कब होगी डामरीकरण स्कूली बच्चों के दिमाक में बड़ने लगी टेन्शन शेष बचे कुछ महीने बाद बरसात मौसम का होगा आगमन

देवभोग – गरियाबंद जिले के विकास खण्ड देवभोग क्षेत्र से डूमरबाहाल से केंदूवन कच्ची मिट्टी सड़क की हालत इतनी खराब चुकी है कि बरसात मौसम में यहां से गुजरना वाहन चालकों के लिए किसी ख़तरे से कम नहीं है। देश की आजादी होके कई साल बीत चुका फिर भी इस सड़क की दुर्दशा आज भी वैसी ही बनी हुई है।कई जगहों पर उबड़-खाबड़ गढ्ढा बना हुआ है, कीचड़ मिट्टी से लतपथ होकर गुजर कर निकलने वाली यह कच्ची सड़क मार्ग से प्रतिदिन स्कूली छात्र -छात्राओं व अन्य पथ राहगीरों को वाहनों से गुजरना मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर इस सड़क से झाखरपारा हाई स्कूल व हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राएं बरसता के मौसम में कीचड़ और मिट्टी से लतपथ होकर प्रति रोज आना जाना लगा रहता है। बारिश के मौसम में जब तेल नदी में पानी की स्तर चरम सीमा तक पहुंच जाती है तो इधर उधर आने जाने में असमर्थ हो जाते है और उसी दौरान डूमरबाहाल से केंदूवन कच्ची सड़क मार्ग से गुजरकर झाखरपारा को आना पड़ता है। चूंकि झाखरपारा में किराना दुकान से आम जनता व चिल्हर विक्रेता को खासकर गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों द्वारा बताई गई जानकारी के मुताबिक यह सड़क मार्ग को सुधार हेतु जोगी सरकार से अबतक छतीसगढ़ में दोनों पक्षों से सरकार बदला बदली हो चुकी है किंतु आज दिन पर्यन्त तक सड़क की हालत सुधरी नहीं है। ग्रामीण जनों ने और भी यह बताया कि जिस सड़क से आम लोगों को प्रति रोज आना जाना लगा रहता है ऐसे सड़क मार्ग को सुधार नहीं किया गया है और कुछ ही दिनों बाद कभी- कभी काम पड़ने पर गुजरते हैं ऐसे सड़क मार्ग को डबल डामरीकरण किया गया है। जैसे कि दही गांव से फुली मुड़ा पीएम सड़क मार्ग तथा उपरपीटा से कोसमकानी तक यह मार्ग पर डबल डामरीकरण किया गया है। जबकि नियमानुसार देखा जाए तो अधिकांश लोग कुम्हड़ईकला, डूमरबाहाल और केंदूवन सड़क मार्ग से अधिकांशतः तेल नदी पार गांवों के आम ग्रामीण जनताएं आवागमन करते हैं। इसके अलावा पड़ोसी राज्य उड़ीसा से भी रोटी बेटी का नाता रिश्ता जुड़ा हुआ है, तो उन्हें भी इस मार्ग से प्रतिदिन आना जाना करना पड़ता हैं। इस मार्ग का उपयोग अनिवार्य हो जाता है, लेकिन सड़क की स्थिति बहुत ही खराब हो गया है। पिछले कई सालों से ग्रामीण जनता व अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़क मार्ग की हालात को देखते हुए शासन -प्रशासन तक जानकारी लिखित रूप से अवगत करवाएं जा रहे है, लेकिन इसे शासन -प्रशासन ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है।हर साल इस सड़क मार्ग से कीचड़ मिट्टी से लतपथ होकर गुजरना पड़ता है, अबतक कोई भी अधिकारियों ने कोई भी संज्ञान नहीं लिया है। पूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष सीताराम यादव भी सड़क के मामले पर अपने लेटर पैड में लिखित रूप से शासन-प्रशासन तक जानकारी दी जा चुकी है, किंतु आज दिन पर्यन्त तक कोई भी इसके प्रति टिप्पणी नहीं आई है।
तेल नदी पार छत्तीस गांवों के किसानों ने सरकार से अपील जल्द हो पीएम सड़क निर्माण
तेल नदी पार छत्तीस गांवों के किसानों, विद्यार्थियों व अन्य सभी पथ राहगीरों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द इस सड़क मार्ग को प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से जुड़ा जाए ताकि आने जाने में किसी को कोई दिक्कत न हो। यदि सरकार ने शीघ्र कोई कदम नहीं उठाया, तो उसी दौरान ग्रामीण, स्कूली बच्चे व पथ चालक बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। चूंकि उक्त ग्रामीणों ने बताया कि इस बार कष्टों को भुलाने के लिए हमें शासन -प्रशासन से गुहार लगाई जाएगी। यदि शासन -प्रशासन हमारे मांगें को अनदेखी करेंगी तो उसी दौरान स्कूली बच्चे, किसान, युवा युवती सभी ग्रामीण जनों को एक साथ मिलकर सरकार के दरवाज़े खटखटाने की नीति अपनाई जाएगी।