फर्जी नाती बनकर साउथ इंडियन एसईसीएल गेवरा माइंस क्षेत्र में कर रहा हैं नौकरी अधिकारी दे रहे हैं संरक्षण,,
शिकायत पर पांच महीने से कोई कार्यवाही नही,प्रबंधन फर्जी कर्मचारियो पर मेहरबान,,

फर्जी नाती बनकर साउथ इंडियन एसईसीएल गेवरा माइंस क्षेत्र में कर रहा हैं नौकरी अधिकारी दे रहे हैं संरक्षण,,
कोरबा। रिपोर्ट कृष्णा टण्डन। एसईसीएल गेवरा, दीपका एशिया का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक का दर्जा प्राप्त है,जहा की कोयला देश के अलावा विदेशों में भी बड़े बड़े सार्वजनिक एवम निजी उपक्रमों को आपूर्ति किया जा रहा है,कोयला उत्पादन के लिए किसानों एवम सरकारी भूमि का 1981 में तत्कालीन पुनर्वास नीति कोलबेयरिंग एक्ट व मध्यप्रदेश भू राजस्व सहिता के तहत अधिग्रहण किया गया और उस पुनर्वास नीति के तहत प्रत्येक भूस्वामी के प्रत्येक खसरे पर नौकरी का प्रावधान किया गया था ,इसी पुनर्वास नीति का फायदा उठाकर दीगर राज्य के लोग फर्जी कागजात पेश कर नौकरी हथियाने में कामयाब हो गए,और वास्तविक भू स्वामी अभी भी रोजगार के लिए भटक रहे है,ऐसा ही हजारों शिकायत प्रकरण लंबित है हालाकि कुछ फर्जी नौकरी धारी पर बर्खास्तगी की कार्यवाही की गई है,और इसी कड़ी में कोसमंदा ग्राम के अर्जित भूमि स्वामी मनीराम,पिता दल्लू के फर्जी दस्तावेज के सहारे फर्जी नाती बनकर पुष्पराज पिता एम मूलस्वामी पिछले 1998 से गेवरा में नौकरी कर रहा है।
और वास्तविक जो नौकरी का हकदार है जिसका दस्तावेज आज भी प्रबंधन के आलमारी में विचाराधीन बनकर रह गया है,वास्तविक आवेदक को 1998 से प्रबंधन कागजों में घुमाकर अब बोला जा रहा है उक्त भूमि खसरे 491/2 पर पुष्पराज पिता एम मूलस्वामी को रोजगार दिया जा चुका है,शिकायत शिवसेना के माध्यम से उचित कारवाही के लिए प्रबंधन के अलावा पी एम पोर्टल पर शिकायत अपलोड किया गया जिस पर प्रबंधन को कार्यवाही के लिए अधिकृत किया गया है,फिर भी कारवाही नही होने पर कार्मिक प्रबंधन पर सीधे शिकायत करने की बात कही जा रही है।