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जापान का निजी चंद्र मिशन फिर असफल, लैंडिंग से पहले लैंडर हुआ दुर्घटनाग्रस्त

तोक्यो  । जापान की निजी कंपनी आईस्पेस का चंद्र मिशन रेसिलिएंस शुक्रवार (6 जून) को लैंडिंग से कुछ सेकंड पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह लैंडर फ्लोरिडा से जनवरी में लॉन्च किया गया था और मई में चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। क्रैश के कारण संचार पूरी तरह टूट गया और मिशन विफल हो गया। कंपनी का एक मिशन पहले भी असफल हो चुका है। इस बार लैंडिंग से पहले सिस्टम फेल हो गया और नियंत्रण केंद्र को कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। कंपनी ने बताया कि लैंडर की ऊंचाई नापने वाला लेजर सिस्टम सही से काम नहीं कर सका। इसके चलते लैंडर बहुत तेजी से नीचे गिर गया और चांद की सतह से टकरा गया।
शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि लैंडिंग बहुत जोर से हुई, जिसे हार्ड लैंडिंग कहा जाता है।
लैंडर के साथ एक छोटा रोवर भी भेजा गया था, जिसमें कैमरा, मिट्टी उठाने का फावड़ा और एक छोटा खिलौना घर मूनहाउ रखा गया था। आईस्पेस के सीईओ ताकेशी हाकामाडा ने कहा कि यह दूसरी विफलता है, लेकिन कंपनी आगे चंद्र अभियानों पर काम करती रहेगी। उन्होंने मिशन से जुड़े सभी लोगों से माफी भी मांगी। उनका मानना है कि यह मिशन 2027 में नासा की भागीदारी वाले बड़े लैंडर के लिए एक कदम है। अधिकारियों ने कहा कि इस मिशन की लागत पहले वाले से कम है, जिसकी कीमत 850 करोड़ रुपये से ज्यादा थी। लगातार असफलताएं कंपनी के लिए चुनौती बन रही हैं। अब तक केवल अमेरिका, रूस, चीन, भारत और जापान चंद्र लैंडिंग में सफल हुए हैं। हालांकि, अमेरिका ही एकमात्र देश है जिसने इंसानों को चंद्रमा पर उतारा है। अब 2 अमेरिकी कंपनियां (ब्लू ओरिजिन और एस्ट्रोबोटिक) भी इस साल लैंडिंग की तैयारी में हैं। एस्ट्रोबोटिक का पहला प्रयास 2024 में असफल रहा था। नासा 2026 तक 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा के पास भेजने की योजना बना रही है, जबकि चीन 2030 तक मानव मिशन की तैयारी कर रहा है।

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