विशाल शोभा यात्रा एवं कलश यात्रा के साथ सूर्यांश धाम खोखरा में संपन्न हुआ सहसराम देव जयंती एवं प्रतिभा सम्मान समारोह,,
समाज में शिक्षा, समरसता और बंधुत्व के संदेश वाहक हैं गुरु सहसराम देव- ब्यास कश्यप,,

रहस बेड़ा खोखरा से मुख्य मार्ग होते हुए सूर्यांश धाम पहुंचे शोभा एवं कलश यात्रा का हुआ भव्य स्वागत
जांजगीर चाम्पा। 12 जून को सूर्यांश धाम खोखरा में आयोजित गुरु सहसराम देव जी की 172 वीं जयंती पर जांजगीर चांपा के विधायक ब्यास कश्यप ने कही। उन्होंने कहा कि गुरु सहसराम देव जी ने शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए जीवन भर कार्य किया। आजादी के पूर्व सामाजिक विषमता एवं विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने सामाजिक समरसता एवं बंधुत्व लाने के लिए कार्य किया। गांव-गांव में विद्यालयों की स्थापना नहीं होने पर पीढ़ा पाठ के माध्यम से ग्रामीणों में शिक्षा का प्रचार प्रसार किया। जयंती समारोह में अति विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल मंचासीन थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ए.आर. सूर्यवंशी संरक्षक सूर्यांश शिक्षा उत्थान समिति ने किया एवं सभापति द्वय कुशल प्रसाद सूर्यवंशी और रामकुमार सूर्यवंशी मंचासीन थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में रमेश पैगवार, पुष्पा उमेश प्रधान, राम लखन सूर्यवंशी, बी. आर. सत्यार्थी, दुखुराम गोयल, अशोक सूर्यवंशी, राजेश ढोसले, अरमान खान, जितेंद्र दिनकर, विवेका गोपाल, देव कुमार गढ़वाल एवं शुक्ला प्रसाद सूर्यवंशी सहित सामाजिक पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम के संयोजक हरदेेव टंडन ने किया एवं सह-संयोजक प्रो. गोवर्धन सूर्यवंशी ने आभार ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने गुरु सहसराम देव जी के कार्यों का स्मरण करते हुए उन्हें समाज का मसीहा बताया और कहा कि गुरुदेव सहसराम जी ने सामाजिक समरसता के प्रचार प्रसार हेतु अनेक कार्य किए। उनके द्वारा समाज में सामाजिक समरसता लाने के लिए 1927 में महासभा का आयोजन किया गया था जिसकी स्मृति में सूर्यांश धाम खोखरा में “सूर्यांश विजय स्तंभ” का निर्माण किया है गया है। उनके दिखाए गए मार्गों से ही वर्तमान समाज में सामाजिक एकता बंधुत्व एवं समरसता का भाव दृष्टिगोचर होता है।
इससे पूर्व सूर्यांश प्रांगण सिवनी (नैला) में परम पूज्य गुरु सहसराम देव जी की पूजन अर्चन कर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया गया। इसके बाद उनके जन्मस्थली ग्राम जगमहंत में भी उनके आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं पूजन अर्चन कर श्रद्धांजलि दिया गया। पुष्पांजलि अर्पित करने के पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फल वितरण किया गया। गुरु सहसराम जयंती समारोह का मुख्य कार्यक्रम सूर्यांश धाम खोखरा में संपन्न हुआ जिसके अंतर्गत रहसबेड़ा से शोभा एवं कलशयात्रा गांव के प्रमुख मार्गो से होते हुए सूर्यांश धाम पहुंचा जहां पर शोभा एवं कलश यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। शोभा यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने गुरु सहसराम देव जी की प्रतिमा का पूजन अर्चन किया गया एवं पंच परमेश्वरों के “चरण पादुका स्थल एवं सूर्यांश विजय स्तंभ” का पूजन अर्चन एवं परिक्रमा किया गया। मुख्य समारोह में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया जिसमें जांजगीर, सक्ती, रायगढ़, कोरबा बिलासपुर सहित आसपास के विद्यार्थीगण सम्मिलित हुए जिन्हें मंचासीन अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया।
उक्ताशय की जानकारी आचार्य शिवप्रधान ने दिया। जयंती समारोह में सूर्यांश शिक्षा उत्थान समिति के सदस्यों के संरक्षकों के साथ समाज के सामाजिक पदाधिकारी, जन प्रतिनिधि, महिला स्व सहायता समूह के सदस्य सहित बड़ी संख्या में जनमानस उपस्थित थे जिनमें मोहरसाय खरसन, संजय पैगवार, फिरत राम किरण, देव कुमार सूर्यवंशी, कार्तिक राम सूर्यवंशी, राम नारायण प्रधान, सुरेश पैगवार, पुनी राम सूर्यवंशी, कमलेश कुमार, देव गढ़वाल, श्रीमती नीरा प्रधान, भावना प्रधान, प्रीति चौरसिया, जागेश्वर सिंह, उत्तम गोयल, अशोक बनवा, सुखराम गरेवाल, राकेश गढ़वाल, एस.पी. लसेर, रामेश्वर बनवा, कृष्ण कुमार गढ़वाल, लक्ष्मीचंद कल्यारे, रोहित सोनी, शिव प्रधान, विश्राम खरे, दर्शन गढ़ेवाल, राजू सूर्यवंशी, हेमंत पैगवार, योगेश चौरसिया, पुजारी रामशंकर टाइगर सहित आयोजन समिति के समस्त सदस्य उपस्थित थे।