रेत के अवैध उत्खनन को खुला छूट, परिवहन पर कोई कार्यवाही नही,,
खनिज विभाग की उदासीनता से रेत माफियो का बड़ा मनोबल,,

रेत के अवैध उत्खनन को खुला छूट, परिवहन पर कोई कार्यवाही नही,,
खनिज विभाग की उदासीनता से रेत माफियो का बड़ा मनोबल,,
जांजगीर चाम्पा। संवाददाता सुभम सिंह राजपूत। रेत माफियाओं को प्रशासन और खनिज विभाग ने खुली छूट दे रखी है। यही वजह है कि बंद रेत घाटों से अवैध उत्खनन चल रहा है। रेत माफियाओं बिना रायल्टी के रेत बेचकर शासन को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। खनिज उड़नदस्ता के द्वारा परिवहन में लगे वाहनों को जब्त कर कार्रवाई की औपचारिकता निभाई जा रही है। जबकि रेत घाटों में उत्खनन में लगे वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जिले के हसदेव, महानदी सहित अन्य सहायक नदियों के रेत घाटों को रेत खनन के लिए ठेका में दिया गया था। मगर रेत घाटों का अक्टूबर महीने से समाप्त हो चुका है। अभी नया ठेका के लिए टेंडर भी नहीं निकाला गया है। ऐसे में बंद घाटों से माफियाओं के द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। खासकर जिले के , लछनपुर पीथमपुर,चरण नगर चाम्पा, गाड़ापाली,बलौदा क्षेत्र के रेतघाटों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। नदियों का सीना चीरकर सालभर तक रेत माफिया बिना रायल्टी के रेत खनन कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा चुके हैं और यह खेल अनवरत जारी है। जिले में रेत माफिया जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं।अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई केवल दिखावे के लिए की जा रही है। जिसके कारण बेखौफ होकर रेत माफिया खनन और ट्रांसपोर्टर परिवहन कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रोजाना इन घाटों से रात में मशीन के माध्यम से बड़ी मात्रा में रेत उत्खनन कर बेचा जा रहा है। जबकि इन घाटों का ठेका समाप्त हो चुका है। दरअसल ज्यादातर रेत घाट का ठेका कांग्रेसियों के पास था और राज्य में सरकार भी कांग्रेस की है। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई करने अधिकारियों के हाथ पांव कांप रहे हैं। राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारी खुलेआम हो रहे रेत उत्खनन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि रेत उत्खनन खनिज विभाग के अधिकारियों के सह पर हो रहा है।
कलेक्टर के निर्देश के बाद पिछले दिनों परिवहन में लगे ट्रैक्टर और हाइवा को जब्त कर कार्रवाई की औपचारिकता निभाई गई थी। ऐसे में अधिकारियों द्वारा कार्रवाई को लेकर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। उत्खनन करने वाले माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने में अधिकारियों के हाथ कांप रहे हैं। रेत ठेकेदार यदि बिना रायल्टी के नदी से उत्खनन कर रेते बेचेंगे ही नहीं तो परिवहन भी नहीं होगा। अवैध उत्खनन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है बल्कि रायल्टी लेकर रेत परिवहन कर रहे वाहनों को जब्ती बनाया जा रहा है। रेत परिवहनकर्ताओं ने रायल्टी के साथ परिवहन करने वाले वाहनों को राजस्व अधिकारियों के द्वारा पकड़ने और रकम लेकर छोड़ने का आरोप लगाया है। परिवहनकर्ताओं का कहना है रात में नदी से रेत उत्खनन कर रहे हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जबकि, खनिज नियमों के साथ रायल्टी लेकर रेत परिवहन करने वाले वाहनों को कार्रवाई के नाम पर पकड़ा जाता है और पैसे लेकर छोड़ दिया जाता है। ठेकेदार ठेका के नियम शर्तो का धज्जी उड़ाते हुए शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत पर बिना रायल्टी के रेत को बेच रहे हैं जिसकी वजह से जरूरतमंदों को रेत अधिक दर पर मिल रहा है।रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि बंद रेत घाटों से रेत का खनन किया जा रहा है। जिले के हसदेव, महानदी सहित अन्य सहायक नदियों के रेत घाटों को रेत खनन के लिए ठेका में दिया गया था। जिसका ठेका अक्टूबर महीने में समाप्त हो चुका है। जिले के शिवरीनारायण, देवरी, खोरसी, तनौद, बसंतपुर, किकिरदा, बलौदा क्षेत्र के रेतघाटों से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। वहीं खनिज व राजस्व विभाग के अधिकारी जानकारी के बाद भी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है। रायल्टी लेकर रेत का परिवहन कर रहे वाहनों को जब्त किया जाता है। जबकि उत्खनन कार्य में लगे वाहनों पर कार्रवाई नहीं की जाती है।