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जीवन में गुरु का सर्वोच्च स्थान- लीलावती सिंह पैकरा

बतौली महाविद्यालय में हुआ शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन

जीवन में गुरु का सर्वोच्च स्थान- लीलावती सिंह पैकरा

बतौली महाविद्यालय में हुआ शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन

बतौली। ब्यूरो रिपोर्ट। शासकीय महाविद्यालय बतौली में 05 सितंबर को आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में मुख्य अतिथि जनपद पंचायत बतौली की अध्यक्ष श्रीमती लीलावती सिंह पैकरा ने कही। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक के बताए गए मार्ग पर चल कर हम जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता अर्जित कर सकतें है। उनके मार्गदर्शन और कृपा के बिना जीवन में ज्ञान प्राप्त करना असम्भव है। महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा प्राध्यापकों का करतल ध्वनि से एवं पुष्प वर्षा के पश्चात तिलक, बैच एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य बी.आर. भगत, प्रो. तारा सिंह मरावी, प्रो. गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी, प्रो. बलराम चंद्राकर, प्रो. श्रीमती सुभागी भगत, प्रो. सुश्री मधुलिका तिग्गा, जिवियन खेस एवं अतिथि शिक्षक सुश्री शिल्पी एक्का एवं श्री जितेन्द्र कुमार दास सहित गैर शैक्षणिक कर्मचारी बसंत कुमार, अक्षय आनंद कच्छप एवं राजेश तिर्की का सम्मान किया।

शिक्षक दिवस समारोह का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी एवं सरस्वती पूजन कार्यक्रम के साथ हुआ। बी.ए. द्वितीय वर्ष की विद्यार्थी खुशबू प्रजापति एवं सहेलियों के द्वारा राजकीय गीत एवं स्नेहा पैकरा एवं सहेलियों द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। प्रो. गोवर्धन प्रसाद सूर्यवंशी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि “विश्व भर के सौ से अधिक देशों में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस की जानकारी देते हुए गुरू शिष्य परंपरा का उल्लेख किया और विद्यार्थियों को अनुशासित होकर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। प्रो. तारा सिंह मरावी ने शिक्षक के गुणों का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस तरह कुम्हार मिट्टी के घड़े बनाते समय अंदर से सहारा देकर बाहरी सतह पर चोट मारते हैं उसी तरह विद्यार्थियों का व्यक्तित्व में निखार लाने के लिए कभी-कभी प्राध्यापक भी कड़ाई करते हुए अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हैं। वाणिज्य विभाग के प्राध्यापक प्रो. बलराम चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में शिक्षा के महत्व को निरूपित करते हुए कहा कि सैद्धांतिक शिक्षा के साथ व्यवहारिक शिक्षा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में संतुलन स्थापित करने के लिए हमें छात्र जीवन में प्रत्येक वर्ष एक पेड़ लगा कर उसका संरक्षण अवश्य करना चाहिए।

शिक्षक दिवस समारोह को प्रो. श्रीमती सुभागी भगत, प्रो. सुश्री मधुलिका तिग्गा, जिवियन खेस अतिथि शिक्षक सुश्री शिल्पी एक्का एवं श्री जितेन्द्र कुमार दास ने भी संबोधित करते हुए जिज्ञासु बनकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जो छत्तीसगढ़ के लोक कला एवं संस्कृति पर आधारित था। कार्यक्रम का संचालन बी. ए. अंतिम वर्ष की छात्रा होलिका पैकरा व इलियस केरकेट्टा के साथ बी. एससी. अंतिम वर्ष के छात्र आकाश कुजुर ने किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के महाविद्यालयीन एंबेसडर एवं स्वीप के कैंपस एंबेसडर सहित कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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