जांजगीर-चांपा

संत महात्मा को भवन नहीं, बल्कि युवाओं के खेल कौशल को बढ़ावा देने के लिए भवन चाहिएः स्वामी सुरेन्द्रनाथ

72 साल पुराने अखाड़ा को तोड़ने का विरोध करते हुए चांपा में निकली बाजेगाजे के साथ रैली, पुलिस को एफआईआर दर्ज करने सौंपा ज्ञापन जांजगीर-चांपा। डोंगाघाट चांपा परिसर में बने श्री हनुमान व्यायाम शाला को मनमानीपूर्वक तोड़ने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आज डांेगाघाट परिसर में स्व गुरुजी मोहित राम यादव की 20वीं पुण्यतिथि मनाई गई। उनके तैलचित्र के समक्ष श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद शहर के विभिन्न मार्गों में रैली निकाली गई और फिर आखिर में अखाड़ा तोड़ने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते हुए चांपा एसडीओपी को ज्ञापन सौंपा गया।मंगलवार की शाम डांेगाघाट परिसर में स्व गुरुजी मोहित राम यादव की 20वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस दौरान श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी हुआ। इसमें महाकाली संगठन के संस्थापक स्वामी सुरेन्द्रनाथ शामिल होकर स्व. गुरूजी को अपना श्रद्धासुमन अर्पित किया। उन्होंने कहा कि यह संत महात्मा की भूमि है, जो समाज कल्याण के लिए होता है। लेकिन संत निवास बनाने के नाम पर अखाड़ा को तोड़ दिया गया। संत महात्मा को कोई भवन की जरूरत नहीं है, उनके लिए खुला आसमान बहुत है। उन्होंने कहा कि संत महात्मा को भवन नहीं, बल्कि युवाओं को अखाड़ा चाहिए। क्योंकि युवा पीढ़ी नशे के चंगुल में फंस रही है, जिसके चलते उन्हें खेल कौशल से जोड़कर इस प्रवृत्ति से छुटकारा दिलाया जा सकता है। उन्होंने अखाड़ा तोड़ने वालों और अब तक एफआईआर नहीं करने पर पुलिस की घोर निंदा की। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पुनः युवाओं के खेल कौशल को बढ़ावा देने के लिए उसी जगह अखाड़ा निर्माण पर बल दिया। उन्होंने इसके लिए हर स्तर की लड़ाने लड़ने की बात कही। महाकाली संगठन के जिलाध्यक्ष लेखराम देवांगन ने कहा कि 72 साल पुराने अखाड़े को तोड़कर चांपा की कुश्ती परंपरा को ध्वस्त किया गया है, जिसकी घोर निंदी की जाती है। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांगकी। श्री हनुमान व्यायाम शाला सेवा समिति के अध्यक्ष गिरधारी यादव ने कहा कि जिस व्यक्ति ने 72 सालों तक हनुमानजी की पूजा की और कुश्ती कला को आगे बढ़ाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। तपसीबाबा की प्रेरणा से उन्होंने अखाड़ा बनाया, जिसके माध्यम से चांपा की कुश्ती कला को राष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिलाया। इसे कुछ स्वार्थी तत्वों ने तोड़ दिया और मूर्ति को गायब करते हुए संपत्ति को नुकसान पहुंचाई गई। ये सब स्वयंभू समिति और मनोनीत महंत के इशारे पर हुआ। यह कृत्य अवैध तरीके से समिति बनाने वालों ने किया है। इसकी उन्होंने घोर निंदा की और पुलिस प्रशासन से पूछा कि एक माह व्यतीत होने के बाद भी ऐसी कौन सी ताकत है, जो हनुमानजी से बड़ी है। ऐसा कौन सा एप्रोच और पहुंच है, जो बजरंगबली से बढ़कर है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए पुनः अखाड़ा निर्माण की मांग की। अन्य लोगों ने भी अखाड़ा को तोड़ने का बड़े शब्दों में निंदा की। यहां श्रद्धांजलि सभा के बाद डोंगाघाट से चांपा नगर में बाजेगाजे और स्व. गुरूजी मोहितराम यादव की तैलचित्र के साथ शहर में हनुमान चालीसा का पाठन करते हुए शोभायात्रा निकाली गई, जो डोगाघाट चौक से सदर बाजार, समलेश्वरी मंदिर, देवांगन पारा, हनुमान चौक, बापू बालोद्यान थाना चौक पहुंची। यहां शहीद स्मारक के पास सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इसके बाद दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग करते हुए पुलिस को ज्ञापन सौंपा।
राजनीतिक संरक्षण का आरोप चांपा शहर में डोंगाघाट लोक न्यास की चल अचल संपत्ति और अखाड़ा को तोड़ने का मामला काफी गरमा गया है। लोगों का कहना है कि किराए के घर में यदि ताला लगाकर किराएदार कहीं चला गया है तो भी मकान मालिक उसे तोड़ नहीं सकता। क्यांेकि यह अपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है, लेकिन 72 सालों से संचालित अखाड़ा को तोड़ने वालों के खिलाफ एक माह बाद भी एफआईआर नहीं करना कहीं न कहीं राजनीतिक संरक्षण की ओर ईशारा करता है। लोगों का यह भी कहना है कि डांेगाघाट लोकन्यास की भूमि लोगों की दान दी गई भूमि है, जिसका चंद लोग अवैध तरीके से मनमानीपूर्वक उपयोग कर रहे हैं, जो पूरी तरह अनुचित है। आरोप के मुताबिक चांपा के मुख्य स्टेशन मार्ग में संचालित कई महंगी दुकानें और पेट्रोल पंपों का किराया सुविधापूर्वक चंद रुपए आंका गया है। पहले ही सर्वराकार और लोक न्यास की संपत्ति का मामला कोर्ट में पंेडिंग है। प्रशासन की ढुलमुल रवैये से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है और उन्हें न्यायालय से ही न्याय मिलने की उम्मीद है।

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