नई दिल्ली

नौसेना के लिए बनाया गया भारत का पहला नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार, नहीं बचेंगे दुश्मन के हवाई टारगेट

नई दिल्ली । टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह स्पेन की कंपनी इंद्रा से टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के तहत एडवांस्ड नेवल 3डी एयर सर्विलांस रडार का निर्माण करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। टीएएसएल ने कहा कि उसने इटली की कंपनी के साथ साझेदारी करके भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर पहले लांजा-एन रडार को सफलतापूर्वक तैनात कर दिया गया है। लांजा-एन, इंद्रा के लंबी दूरी के 3डी रडार का नेवल वर्जन है, जिसे वायु रक्षा और मिसाइल रोधी अभियानों के लिए दुनिया में सबसे एडवांस माना जाता है। पहला राडार स्थापित करने के बाद ऐसे और अधिक राडार भारतीय नौसेना के फ्रिगेट, डिस्ट्रॉयर और विमान वाहक पोतों पर लगाए जाएंगे। इस रडार की स्थापना को भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता अभियान में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस सिस्टम को स्थानीय स्तर पर असेंबल और एकीकृत किया गया है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने उत्पादन और फ्यूचर डिलीवरी में तेजी लाने के लिए कर्नाटक में एक समर्पित रडार असेंबली, एकीकरण और परीक्षण सुविधा स्थापित की है। इस रडार को शामिल करने से पहले व्यापक समुद्री परीक्षणों से गुजरा गया है, जहां इसकी क्षमता का परीक्षण करने के लिए विभिन्न नौसैनिक और हवाई प्लेटफार्मों का इस्तेमाल किया गया। अब इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर मौजूद सभी सिस्टम्स के साथ पूरी तरह से एकीकृत कर दिया गया है। इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सीईओ और एमडी, सुकरण सिंह ने कहा कि इंद्रा के साथ साझेदारी भारत में रडार निर्माण को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय विशेषज्ञता, एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, एडवांस डिफेंस सिस्टम्स के लिए एक इकोसिस्टम बनाने में मदद कर रहे हैं। इंद्रा की नेवल बिजनेस यूनिट की प्रमुख, एना बुएंडिया ने कहा कि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के साथ सहयोग सिर्फ रडार की आपूर्ति तक ही सीमित नहीं है।

उन्होंने कहा, हमने मिलकर बेंगलुरु में एक रडार फैक्टरी स्थापित की है, जो हमें प्रणालियों का अधिक कुशलता से उत्पादन करने और ग्राहकों को नजदीकी सेवा प्रदान करने के लिए स्थानीय समर्थन प्रदान करती है। लांजा-एन रडार मित्र और शत्रु दोनों प्रकार के हवाई और सतही लक्ष्यों पर नजर रख सकता है, जिनमें ड्रोन, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान, विकिरण-रोधी मिसाइलें और नौसैनिक प्लेटफॉर्म शामिल हैं। यह पहली बार है जब लांजा-एन प्रणाली को स्पेन के बाहर तैनात किया गया है, जिससे भारत इंद्रा के होम बेस से परे इसे संचालित करने वाला पहला देश बन गया है।

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