नेता जी चौक में स्थित The Little Legend Kids School के ऊपर हाई कोर्ट नें दिए जांच के निर्देश,,
कन्हाईबन्द निवासी साहेब सूर्यवंशी के हाईकोर्ट में दायर किया था केस,,

नेता जी चौक में स्थित The Little Legend Kids School के ऊपर दिए जांच के निर्देश,,
जांजगीर चांपा। ब्यूरो रिपोर्ट। जिला मुख्यालय में शासन प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर बिना स्कूल भवन के स्कूल संचालन किया जा रहा है और इन्हें जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर आंख मूंद कर स्कूल खोलने की अनुमति दे रहे हैं । The Little Legend Kids School नेताजी चौक जांजगीर को अनुचित लाभ पहुंचाने वाले नोडल अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर में आनेको शिकायत पर कार्यवाही नहीं होने से त्रस्त होकर याचिकाकर्ता साहेबलाल सूर्यवंशी ने न्याय पाने के लिए माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष WPC 2602 / 2024 याचिका प्रस्तुत किया था जिसमें अपने पक्ष की पैरवी स्वयं ( Petitioner in Person )साहेबलाल सूर्यवंशी द्वारा विडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अपना पक्ष रखा जिसमें माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने उत्तरवादी क्रमांक 2 सचिव छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग, क्रमांक 4 जिला दंडाधिकारी सह कलेक्टर जिला जांजगीर चांपा एवं क्रमांक 5 जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर को याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायत / अभ्यावेदनों पर 4 सप्ताह के भीतर कार्यवाही करने का निर्देश ( Direction ) दिया है । संक्षेप मे प्रकरण इस प्रकार है कि याचिकाकर्ता ने छत्तीसगढ़ RTE 12 (1)(c) के प्रावधान के तहत नर्सरी से 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा के लिए याचिकाकर्ता के बच्चे पीयूष सूर्यवंशी का दिनांक 25 मार्च 2023 को आवेदन प्रस्तुत किया है । जिसका आवेदन क्रमांक RTE202300560035 हैं । याचिकाकर्ता ने दिनांक 24.05.2023 को ऑनलाइन चयन के पूर्व फार्म जमा करने हेतु अवसर प्रदान करने के लिए निवेदन किया है जिस पर उत्तरवादियों ने दस्तावेज सत्यापन का मौका नहीं दिया है । फिर भी याचिकाकर्ता ने सदभावनापूर्वक द्वितीय चरण में प्रवेश के लिए आवेदन किया जिसमें Little Legend Kids School Janjgir में चयन हुआ है । चयन उपरांत संज्ञान में आया है कि उक्त स्कूल के डायरेक्टर द्वारा शासन को गुमराह / धोखा देकर अनुमति लिया है जांजगीर शहर में स्कूल का कोई भवन नहीं है सिर्फ Nursery, LKG, UKG को अपने या किराया के मकान में पढ़ाता है । फिर भी याचिकाकर्ता अपने पुत्र का प्रवेश के लिए दिनांक 14.08.2023 को स्कूल परिसर में उपस्थित हुआ जहां प्रवेश नहीं दिया गया । स्कूल संचालक श्री सुनील सिंघानिया द्वारा याचिकाकर्ता के पुत्र का भविष्य के साथ खिलवाड़ कर प्रवेश नहीं देने की शिकायत दिनांक 29.09.2023 को किया गया है । सिविल प्रक्रिया संहिता अधिनियम 1908 की धारा 80 के तहत किसी सक्षम न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करने के पूर्व दिनांक 18.10.2023 को ईमेल से एवं दिनांक 23.11.2023 को कार्यालय में उपस्थित होकर, रजिस्टर्ड डाक से नोटिस दिया है जिसमें उत्तरवादियों ने कोई जवाब नहीं दिया । उत्तरवादियों द्वारा पात्र होने के बावजूद प्रवेश नहीं दिया गया, नियम कानून प्रावधान का अवहेलना कर गलत तरीके से उक्त स्कूल का समर्थन किया जा रहा है उसे अनुचित लाभ पहुंचा कर बचाया जा रहा है जिससे याचिकाकर्ता के पुत्र का भविष्य खराब हो रहा है एवं आर्थिक मानसिक शारीरिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ रहा है ।
जिससे त्रस्त होकर यह याचिका माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत छत्तीसगढ़ निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 का पालन कराने, याचिकाकर्ता के पुत्र को बेहतर स्कूल में प्रवेश दिलाने, आर्थिक मानसिक शारीरिक रूप से क्षति पहुंचने पर क्षतिपूर्ति दिलाने, प्रस्तुत शिकायत पर विभागीय जांच उपरांत दोषियों पर कार्यवाही करने, शासन को गुमराह कर धोखाधड़ी करने वाले स्कूल संचालक एवं उसे अनुचित लाभ पहुंचाने वाले नोडल अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने, माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने के लिए उत्तरवादियों को उचित निर्देश जारी करने हेतु याचिकाकर्ता द्वारा माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष याचिका दायर किया गया था । जिसमे याचिकाकर्ता ने निम्न मांग / अनुतोष माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर से चाहा था ।10. अनुतोष:-
10.1 यह कि, छत्तीसगढ़ निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत याचिकाकर्ता का पुत्र निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का हकदार है इसके बाद भी शिक्षा से वंचित करने / भविष्य खराब करने / पात्र होने के कारण बिना किसी कठिनाई के शिक्षा प्राप्त करने के विपरीत आर्थिक मानसिक शारीरिक रूप से प्रताड़ित होने पर उत्तरवादियो से क्षतिपूर्ति दिलाने हेतु निर्देश जारी करने की दया हो ।
10.2 यह कि, छत्तीसगढ़ निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2010 के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में निजी स्कूलों में कक्षा नर्सरी से कक्षा 12वीं तक पढ़ाई कराने का प्रावधान है जिसका पालन स्कूल संचालक द्वारा नहीं किया जा रहा है । साथ ही शासन को धोखाधड़ी कर स्कूल संचालन कर रहा है जांजगीर शहर में स्कूल का कोई भवन, मैदान नहीं है । याचिकाकर्ता के साथ अन्य व्यक्तियों के साथ धोखा हो रहा है इसलिए जनहित में Little Legend Kids School Janjgir की मान्यता निरस्त करने हेतु उचित निर्देश जारी करने की दया करे ।
10.3 यह कि, शिक्षा का अधिकार पोर्टल में किसी छात्र का एक बार चयन होने के उपरांत दोबारा नर्सरी में आवेदन करने का प्रावधान नहीं है जिस कारण याचिकाकर्ता के पुत्र का 12वीं कक्षा तक ( नर्सरी से 12वीं कुल 15 वर्ष ) भविष्य खराब हो रहा है इसलिए आवेदन में चयनित प्रथम प्राथमिकता वाले Destination English Medium School Janjgir में प्रवेश दिलाने हेतु निर्देश जारी करने की दया करे |
10.4 यह कि, शिक्षा का अधिकार का अवहेलना / दुरुपयोग करने, शासन को धोखाधड़ी करने, फर्जी एवं भ्रष्टाचार करने वाले स्कूल के डायरेक्टर श्री सुनील सिंघानिया, नोडल अधिकारी श्रीमती रुक्मणी मरावी, जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर एवं शिकायत प्राप्त होने / सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 80 के तहत नोटिस के बाद भी शिकायत पर कार्यवाही नहीं करने वाले लोक सेवकों के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने / शिकायत पर विभागीय जांच कराने का निर्देश राज्य को देने की दया हो |
10.5 यह कि, अन्य अनुतोष जो माननीय न्यायालय उचित समझे उत्तरवादियों से याचिकाकर्ता को दिलाने की कृपा करे |
10.6 यह कि, अन्य कोई निर्देश जो माननीय न्यायालय उचित समझे न्यायहित में जारी करने की महती कृपा करे |