रायपुर

अखिलेश जैन फर्जी पत्रकार बनकर कर रहा मुझे ब्लेकमेल -महंत आशीष दास

1988 से 2023 के मध्य 107 एकड़ भूमि बिक्री की गई, प्रभावशाली व्यक्तियों की भूमिका संदिग्ध

रायपुर । कुछ दिनों पूर्व प्रेस क्लब रायपुर में अखिलेश जैन तथाकथित पत्रकार एवं समाजसेवी द्वारा जैतुसाव मठ स्थित गोपीदास हनुमान मंदिर एवं ट्रस्ट में पंजीकृत जमीनों में करोड़ों की बिक्री का आरोप महंत आशीष दास पर लगाया गया था। आज इस संबंध में महंत आशीष दास सर्वराकार जैतुसाव मठ ने प्रेस क्लब रायपुर में आयोजित पत्रकारवार्ता में अखिलेश जैन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे फेस बुक एवं सोशल मीडिया के जरिए फर्जी पत्रकार बनकर उन्हें ब्लेकमेल कर रहे हैं। जमीनों की बिक्री में नहीं बल्कि ट्रस्ट की जमीनों को बचाने में वे 2007 से संघर्षरत है। आशीष के अनुसार श्री रामचंद्र गोपीदास मंदिर सर्वराकार महंत लक्ष्मीनारायण दास 1954-55 के अधिकार अभिलेख में ग्राम धरमपुरा में खसरा नंबर 298/4 रकबा 12.19 एकड़ खसरा नंबर 301 रकबा 3.94 एकड़ कुल रकबा 15.87 एकड़ अधिकार अभिलेख एवं वर्तमान खसरा बी 1 के तहत मठ की भूमि पंजीकृत रूप से पंजीयन करायी गई। वहीं धरमपुरा में प्रभावशाली लोगों द्वारा अखिलेश जैन के सौजन्य से करोड़ों की हेराफेरी की गई। महंत ने जैन पर आरोप लगाते हुए कहा कि 1988 से 2023 के मध्य मठ की 107 एकड़ भूमि वितरित की गई जिसमें कथित रूप से जबरिया न्यासी बने। अजय तिवारी ने लोक न्यास ग्राम सेवा समिति में आबंटित भूमि बिक्री में शामिल होकर अनाधिकृत लोगों को उपलब्ध करायी। ट्रस्ट की करोड़ों की भूमि की बिक्री में पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा का संरक्षण मिलने के कारण ही उपरोक्त बिक्री संभव हो पाई। उन्होंने महंत लक्ष्मीनारायण दास की इच्छा के अनुसार वृद्धावस्था में मठ नहीं चला पाने की वजह से पांच सर्वराकार नियुक्त किये थे। जिनके आदेश पर ही मठ की संपूर्ण कार्रवाई संचालित होती थी। अखिलेश जैन को फर्जी पत्रकार करार देते हुए आशीषदास ने वार्ता में कहा कि अगर वे पत्रकार है तो आज पत्रकारवार्ता से गायब क्यों है। जैन भूमाफिया का वह चेहरा है जो दलाली लेकर प्रभावशाली लोगों को बचाने के लिए फर्जी पत्रकारवार्ता लेकर उन्हें असत्य भाषण कर फंसाने की कोशिश किया है। महंत के पास सारे दस्तावेज है जो राजस्व न्यायालय से लेकर उच्च न्यायालय बिलासपुर तक विभिन्न याचिकाओं के माध्यम से लंबित है। उन्होंने जैन पर अधिवक्ता होने की बात कहते हुए हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करने की बात कहीं।

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