कोरबा

हरदीबाजार क्षेत्र में प्रतिबंधित लाल ईंट भट्ठों का कारोबार लगातार बढ़ते जा रहा है। प्रशासन की अनदेखी

जगह जगह हो रहा अवैध ईट का निर्माण रोकने में शासन प्रशासन असमर्थ

कोरबा l जिले के ग्रामीण क्षेत्र हरदीबाजार में प्रतिबंधित लाल ईंट भट्ठों का कारोबार लगातार बढ़ते जा रहा है। प्रशासन की अनदेखी के कारण इन ईंट भट्ठा संचालकों के हौसले बुलंद हैं तथा वे प्रतिबंधित लाल ईंटों का उत्पादन खुलेआम कर रहे हैं। जिले के हरदीबाजार तहसील के अन्तर्गत दर्जनों गांवों में अवैध लाल ईट भट्ठा संचालित की जा रही है। ग्राम डिंडोलभाठा, धौराभाठा बांध के पास , बम्हनीकोन्हा मुड़ापार बारूद फैक्ट्री के आस पास-पास , हरदीबाजार तहसील के पीछे रेंकी व कई गांवों में अवैध रूप से ईंट भट्ठों का कारोबार चल रहा है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। प्रत्येक दो हजार इटों को नौ हजार रूपये में बेची जा रही है। बता दें कि हरदीबाजार क्षेत्र के अनेकों गांव में न केवल ईट भट्टो का अवैध कारोबार होता है बल्कि यहां पर मिट्टी का उत्खनन भी जोरों से होते आ रहा है और पास में ही ओपन कास्ट कोयला खदान दीपका गेवरा सें कोयला लेकर जाने वाले ट्रकों ट्रेलर सें आसानी सें कोयला मिला जाता है मतलब कोयला का भी अवैध कारोबार को दर्शाता है ।गर्मी सामने है और पानी के लिए लोगों को काफी परेशानी होती है। नदी-नाले में जलस्तर गिर रहा है, ऐसी स्थिति में ईट भट्ठा संचालक बोर और नदी से पानी लेकर लाखों की तादात में ईट का निर्माण कर रहे हैं। जिसके प्रति विभाग के अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। वहीं ईंट भट्ठा मजदूरों का अब तक कोई पंजीयन नहीं कराया गया है, जबकि मजदूरों का पंजीयन कराना अनिवार्य होता है। सारे नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर मजदूरों से ईट भट्ठा में ईट का निर्माण करा रहा है।

पर्यावरण को हो रहा नुकसान

अवैध इट भट्टों से ग्रामीण क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। दूसरी ओर ईंट भट्टों के कारण निकलने वाला धुआं लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो रहा है, जिससे आम नागरिक खासे परेशान है। नदी के समीप ग्रामीण इलाकों में कई स्थानों पर ईंट भट्टों का संचालन लंबे समय से जारी है जो पर्यावरण के साथ साथ लोगों के स्वास्थ्य के लिए घातक है। अवैध ईट भट्ठा संचालन की कार्रवाई को लेकर जिला खनिज विभाग द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। ईट संचालकों द्वारा बड़े पैमाने पर ईट का निर्माण करने के लिए शासकीय व निजी जमीन का खनन किया जा रहा है। इससे पर्यावरण तो प्रभावित हो ही रहा है आखिर क्या कारण है कि राजस्व एवं खनिज विभाग के अधिकारी मौन बैठे है l

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