कोरबा

कोरबा में कर्मचारियों को बंधक बनाकर दी गई कठोर शारीरिक यातना: पांच आरोपी गिरफ्तार, दो फरार

कोरबा । सिविल लाइन थाना पुलिस ने मानवाधिकारों को झकझोर देने वाले एक गंभीर आपराधिक मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने दो कर्मचारियों को बंधक बनाकर बेरहमी से प्रताड़ित किया। यह घटना कोरबा जिले के खपराभट्ठा, कांशीनगर क्षेत्र में घटित हुई, जहाँ पीड़ितों के साथ जातिसूचक गालियाँ दी गईं, बिजली का करंट लगाया गया और उन्हें प्लास एवं प्लास्टिक पाइप से बुरी तरह पीटा गया। पीड़ित अभिषेक भांबी (19 वर्ष), निवासी गुलाबपुरा, राजस्थान, द्वारा अपने साथ हुई क्रूरता की शिकायत थाना गुलाबपुर (राजस्थान) में दर्ज कराई गई थी। चूंकि घटना स्थल छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का था, इसलिए मामला थाना सिविल लाइन को स्थानांतरित कर विवेचना शुरू की गई। वायरल वीडियो के माध्यम से आरोपियों की पहचान की गई। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के नेतृत्व में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीतिश ठाकुर एवं नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का के निर्देशन में थाना प्रभारी प्रमोद डनसेना एवं साइबर सेल कोरबा की टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर आरोपियों को गिरफ़्तार किया। गिरफ्तार आरोपी में 1. छोटू लाल गुर्जर (32), निवासी खपराभट्ठा – स्थायी पता भेरुखेड़ा, जिला भीलवाड़ा 2. मुकेश शर्मा (31), निवासी तेजिया खेड़ी, थाना रायपुर, जिला भीलवाड़ा, 3. देवीलाल (24), निवासी आदर्श नगर, कुसमुंडा, कोरबा, 4. मुकेश गुर्जर उर्फ कालू (21), निवासी खपराभट्ठा – स्थायी पता मोटरास माताजी खेड़, जिला भीलवाड़ा, 5. एक अपचारी बालक – निवासी कानिया, गुलाबपुरा, जिला भीलवाड़ा शामिल है। जबकि केशु केसरी एवं सोहन अब भी फरार है।

चोरी के शक में दी गई यातना

13 अप्रैल को छोटू लाल गुर्जर को अपने दो कर्मचारियों – अभिषेक भांबी और विनोद – पर पैसों की चोरी का संदेह हुआ। इसके बाद 14 अप्रैल की रात को दोनों को कमरे में बंद कर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। आरोपियों ने पीड़ितों को जातिसूचक गालियाँ दीं, करंट लगाया और पाइप, प्लास सहित अन्य साधनों से बुरी तरह पीटा। साथ ही, 20 हजार रुपये भी जबरन छीन लिए गए। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से मारपीट में प्रयुक्त बैटरी, वायर, प्लास्टिक पाइप, प्लास और नकद ₹20,000 जब्त किए हैं। सिविल लाइन थाना में अपराध क्रमांक 213/2025 के तहत धारा 127(2), 115(2), 308(2), 191(2), 351(2) बीएनएस एवं एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(2), 3(6) के अंतर्गत मामला दर्ज कर आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। अपचारी बालक को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!