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मनिहारी दुकान में काम करने वाला सेल्समैन बन गया सौ करोड़ की कंपनी का मालिक

10 करोड़ का फर्जीवाड़ा, छह और आरोपित किए गए नामजद

टाप टेन लीडर पर भी लटक रही गिरफ्तारी की तलवार

कोरबा । देखते ही देखते दुकान में सेल्समैन का काम करने वाला अखिलेश सिंह 100 करोड़ से अधिक के टर्न ओवहर वाले कंपनी का मालिक बन गया। कल तक 12 वीं पास अखिलेश के इस कामयाबी की चर्चा रही और अब ठगी के मामले में गिरफ्तारी के बाद ठगी की परतें खुलते जा रहे। पुलिस ने अखिलेश के अलावा छह ओर लोगों को नामजद आरोपित बनाया है। धोखाधडी की इस मामले में अभी ओर कई लोगों के नाम जुडेंगे।इमलीडुग्गू निवासी फ्लोरा मैक्स कंपनी के डायरेक्टर अखिलेश सिंह 38 वर्ष केवल 12 वीं पास हैं और तीन साल पहले एक मनिहारी की दुकान में सेल्समैन के रूप में काम करता था। इसके बदले उसे महज 10 हजार रूपये वेतन मिलता था। कोरोना काल में नौकरी चली गई और वह बेरोजगार हो गया। इस दौरान उसने यू ट्यूब चैनल में फ्लोरा मैक्स तैयार किया और खुद मैदानी स्तर पर काम करते हुए गांव-गांव घूम कर महिलाओं को आजीविका से जोडऩे की मुहिम चलाई। वर्ष 2000 में पहली बार उसने उरगा व सेमीपाली गांव में 10’0 महिलाओं का दो समूह तैयार किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का भरोसा दिला कर 30-30 हजार रूपये का लोन दिलाया। इस राशि फ्लोरा मैक्स कंपनी में निवेश किया। महिलाओं को लाभांश भी मिलने लगा। देखा- देखी उस क्षेत्र की महिलाएं फ्लोरा से जुडऩे लगी। एक साल के अंदर ही अखिलेश ने शहर के सिटी माल में 20 से 25 दुकानों को एक साथ किराए पर ले लिया और मार्ट की तर्ज पर कारोबार शुरू कर दिया।कंपनी में निवेश करने वाली महिलाओं को यहां से कपड़े, खाद्य व सौंदर्य सामाग्री उपलब्ध कराया जाता था। कंपनी की तरफ से उपलब्ध कराए गए सामाग्री बेचने के एवज में महिलाओं को एक निश्चित राशि दी जाती थी। कंपनी की प्रसिद्धि बढ़ती गई और 37 हजार महिलाओं ने 110 करोड़ रूपये का निवेश किया। अचानक महिलाओं को निश्चित दिया जाने वाला राशि बंद हो गया और मामला पुलिस तक पहुंच गया। गिरफ्तार किए गए अखिलेश के बाद छह आरोपित अखिलेश के भाई राजू सिंह, भाभी गुडिया के साथ कंपनी को लीड करने वाली संतोषी साहू, तनिषा बघेल व बलराम ठाकुर को भी नामजद आरोपित पुलिस ने बना लिया है। पुलिस का कहना है कि इन आरोपितों की भी पतासाजी की जा रही है।कंपनी में ऐसे तो शीर्ष स्तर पर 60 से अधिक लोग सक्रिय थे, पर इसमें 10 टाप लीडर थे। जिनके बैंक खाता का उपयोग कंपनी की लेनदेन के लिए किया जा रहा था। ये लोग राशि संकलन करने वाले तीसरे चरण के लोगों से लेनदेन किया करते थे। इनमें छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया है, पर चार ओर हैं, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस ने जिन छह लोगों को नामजद आरोपित बनाया है, उनके अलावा चार ओर आरोपित हैं। नामजद किए गए आरोपितों पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

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