नई दिल्ली

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत सरकार ने बनवाए 88 लाख से अधिक घर

नई दिल्ली । केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री तोखन साहू ने हाल ही में राज्यसभा में जानकारी दी कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) की ओर से इस साल 18 नवंबर तक 1.18 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मंत्रालय 25 जून, 2015 से भारत भर के शहरी क्षेत्रों में पक्के मकान उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से केंद्रीय सहायता प्रदान कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने संसद को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत लाभार्थियों को 88 लाख से अधिक घर वितरित किए गए हैं। एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री ने कहा, पीएमएवाई-यू के अंतर्गत राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा प्रस्तुत परियोजना प्रस्तावों के आधार पर, 18 नवंबर तक मंत्रालय द्वारा कुल 118.64 लाख मकान स्वीकृत किए गए हैं और 88.02 लाख से अधिक मकान पूरे हो चुके हैं या लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, बचे हुए मकान निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएमएवाई-यू के अनुभवों से सीखते हुए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सभी के लिए आवास मिशन के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 लॉन्च की है। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 योजना के तहत केंद्र सरकार 1 सितंबर 2024 से शुरू होने वाले 5 वर्षों में शहरी क्षेत्रों में किफायती कीमत पर घर बनाने, खरीदने या किराए पर लेने के लिए जरूरतमंदों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना के साथ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी)/पीएलआई के जरिए 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। पीएमएवाई-यू 2.0 शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को हर मौसम के अनुकूल पक्के घर उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है। पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत सरकारी सहायता प्रति इकाई 2.50 लाख तक तय की गई है। 10 लाख करोड़ के निवेश के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 एक करोड़ परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि प्रत्येक नागरिक बेहतर जीवन स्तर का जीवन जी सके।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!