आरसमेटा और रिसदा के बीच लीलागर नदी पर बने पुल की रेलिंग तीन साल बाद भी नहीं बनी
बांस जोड़कर बनायी गई है रेलिंग हादसे को सादर आमंत्रण दे रहा है सेतु निगम

जांजगीर जिले के अंतिम छोर पर बसे अकलतरा के आरसमेटा और बिलासपुर जिले के अंतिम छोर पर बसे गांव रिसदा मस्तुरी के बीच लीलागर नदी बहती है और इस पर बना पुल काफी पुराना है और इस वर्ष उसकी रेलिंग टूट गई है जिसे ग्रामीणों ने बांस जोड़कर रेलिंग बनाई है । लीलागर नदी पर बना पुल बहुत छोटा है और शायद इस दो पहिया और कार जैसे छोटे चार पहिया के लिए बनाया गया था लेकिन आरसमेटा पावर प्लांट के लिए चल रही भारी भरकम गाडियो ने इस पुल को जर्जर बना दिया है और इसकी टूटी रेलिंग और बरसात का मौसम इस पुल से गुजरने वाले लोगो के लिए और अधिक खतरनाक साबित हो रहा है । अगर बरसात के मौसम में कोई भी गाड़ी चाहे वह चारपहिया हो या दोपहिया, अनियंत्रित होकर गिरती है तो सवारों का भगवान ही सहारा होंगे बिलासपुर से जांजगीर , सक्ती शिवरीनारायण और रायगढ़ जाने वाली बसें इस मार्ग से जाती है और तीनों जिले को जोड़ने राष्ट्रीय राजमार्ग 49 के अलावा यह भी एक मार्ग है जो दिन ब दिन कमजोर हो रहा है और टूट-फूट रहा है । शायद दोनों जिले के सेतु निगम मिलकर इस पुल को बना पाए लेकिन बिलासपुर और जांजगीर जिले के बीच नदी सीमा तो बनाती है लेकिन जब निर्माण का समय आता है अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर कन्नी काटते हुए लिखा देते हैं जबकि यह खतरा दोनों जिले के लोगों को है । इस विषय पर दोनों जिले के सेतु निगम के इंजीनियर मिलकर नये पुल का निर्माण करें और साथ ही इस नदी पर नया पुल बनाने आरसमेटा पावर प्लांट से भी मदद ले वैसे भी आरसमेटा से सीएसआर मद की भारी-भरकम रकम से यह पुल अकेले जांजगीर जिले के इंजीनियर भी बना सकते है ।