कुष्ठ आश्रम के संस्थापक कात्रेजी के समाजिक योगदान को बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे ने शिलालेख स्मारिका से किया याद ..

संवाददाता – लोकनाथ साहू / मनमोहन
जांजगीर चांपा – क्षेत्र के प्रसिद्ध सेवा संस्थान एवं एशिया की पहली कुष्ठ सेवा संस्था जिसे स्वयं कुष्ठ रोग से पीड़ित स्व. सदाशिव गोविंद कात्रेजी द्वारा प्रारंभ किया गया।बता दें की कात्रेजी कुष्ठ रोग होने से पहले मध्यप्रदेश के किसी ज़िले में रेल्वे के कर्मचारी थें और जब कुष्ठ रोग हुआ तो नौकरी से त्यागपत्र देकर 1960 में छत्तीसगढ़ आ गये और 1962 में जांजगीर चांपा ज़िले के चांपा बिर्रा मुख्य मार्ग पर कुष्ठ सेवा की शुरुआत किया।कात्रेजी की समाज के प्रति इस अद्वितीय योगदान को देखते हुए बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन ने चांपा रेल्वे स्टेशन में स्व सदाशिव कात्रेजी के समाजिक योगदान को याद करते हुए एक शिलालेख स्मारिका उत्कीर्ण किये है।बता दें की इसके पूर्व कात्रेजी के इस अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए डाक विभाग ने एक लिफाफा और सिल टिकट ज़ारी किया था। कात्रेजी के निधन के बाद संस्था के सचिव पद्मश्री दामोदर गणेश बापट जी को भारत सरकार द्वारा 2018 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था।चूंकि कात्रेजी रेलवे के कर्मचारी थें और उनकी इस समाजिक योगदान को देखते हुए बिलासपुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने जो निर्णय लिया और शिलालेख प्रदर्शित किया इससे पूरा संस्था परिवार के मन में आनंद का माहौल है। इस बीच संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा जाकर चांपा रेल्वे स्टेशन के मुख्य स्टेशन प्रबंधक को धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया !
संवाददाता – लोकनाथ साहू
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