जांजगीर-चांपा

“सूर्यांश धाम खोखरा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गुरुदेव सहसराम देव की 173 वीं जयंती” 

"सहसराम देव जयंती पर निकाला गया विशाल शोभा एवं कलश यात्रा" 

“प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर किया गया सम्मानित”

 

जांजगीर:- सूर्यांश धाम खोखरा में 12 जून को गुरु सहसराम देव की 173 वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। परम पूज्य गुरुदेव सहसराम देव जयंती एवं प्रतिभा सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती शांति देवी सुखदेव टाइगर, अति विशिष्ट अतिथि के रूप में कुशल प्रसाद सूर्यवंशी मंचासीन थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम पंचायत खोखरा के सरपंच श्रीमती दुर्गा अजय राठौर ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में जनपद पंचायत सदस्य हेमंत पैगवार, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रमेश पैगवार, ग्राम पंचायत खोखरा के उप सरपंच राजेश राठौर, सूर्यांश शिक्षा उत्थान समिति के संरक्षक शुक्ला प्रसाद सूर्यवंशी, सुखराम गरेवाल, रेवा राम सूर्यवंशी, पार्षद योगेश चौरसिया, उमेश प्रधान, प्रतिमा पाटेकर, अशोक सूर्यवंशी, रामेश्वर बनवा, रामकृष्ण सूर्यवंशी, अनिल सूर्यवंशी, राम कुमार खरे, दिलीप हंसराज, बुधनाथ सूर्यवंशी, शकुंतला करमनाथ सूर्यवंशी, पुजारी रामशंकर टाइगर सहित सामाजिक पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. गोवर्धन सूर्यवंशी ने एवं अतिथियों के प्रति आभार रामनारायण प्रधान ने ज्ञापित किया।

 जयंती समारोह के मुख्य अतिथि जनपद पंचायत सदस्य श्रीमती शांति देवी सुखदेव टाइगर ने संबोधित करते हुए कहा कि गुरु सहसराम देव ने आजादी के पूर्व सामाजिक विषमता एवं विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए जीवन भर कार्य किया। सामाजिक समरसता लाने के लिए 1927 में परम पूज्य गुरुदेव सहसराम देव जी के मार्गदर्शन में पांच पंचों और विभिन्न गांवों के प्रतिनिधियों के द्वारा खोखरा में एक विशाल महासभा का आयोजन किया गया था जिसकी स्मृति में सूर्यांश धाम खोखरा में “सूर्यांश विजय स्तंभ” का निर्माण किया गया है। जयंती समारोह की अध्यक्षता कर रहे खोखरा ग्राम के सरपंच श्रीमती दुर्गा अजय राठौर ने गुरु सहसराम देव के कार्यों का स्मरण करते हुए उन्हें एक महान समाज सुधारक बताया और कहा कि गुरुदेव सहसराम देव ने सामाजिक समरसता, एकता, बंधुत्व एवं समरसता के लिए निरंतर कार्य किया है जिसके आधार पर वर्तमान समय में सभी समाजों में आपसी बंधुत्व और भाईचारा दिखाई देता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रमेश पैगवार ने कहा कि परम पूज्य गुरुदेव सहसराम देव ने सामाजिक समरसता एवं बंधुत्व लाने के लिए कार्य करते हुए गांव-गांव में विद्यालयों की स्थापना नहीं होने पर पीढ़ा पाठ के माध्यम से ग्रामीणों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार किया।

इससे पूर्व समाज में सुमता, समरसता, एकता, बंधुत्व एवं शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन के प्रणेता परम पूज्य गुरुदेव सहसराम देव के जीवन दर्शन पर केंद्रित भजन कीर्तन, गुरु वंदना एवं चौका आरती से जयंती समारोह का शुभारंभ हुआ जिसमें समाज भर से उपस्थित संगीतकारों ने भजनों और गीतों के माध्यम से उनके कार्यों का गुणगान किया इनमें भड़ेसर के सुखसागर साहेब, गौद के मदन लाल खरे और जगमहंत के जगदीश्वर सूर्यवंशी के गाये भजन विशेष उल्लेखनीय है। गुरु सहसराम जयंती समारोह का मुख्य कार्यक्रम सूर्यांश धाम खोखरा में संपन्न हुआ जिसके अंतर्गत रहस बेड़ा से शोभा एवं कलशयात्रा गांव के प्रमुख मार्गो से होते हुए सूर्यांश धाम पहुंचा जहां पर शोभा एवं कलश यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। शोभा यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने गुरु सहसराम देव जी की प्रतिमा का पूजन अर्चन किया गया एवं पंच परमेश्वरों के “चरण पादुका स्थल एवं सूर्यांश विजय स्तंभ” का पूजन अर्चन एवं परिक्रमा किया गया। गुरुदेव सहसराम देव जयंती एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया जिसके अंतर्गत मंचासीन अतिथियों द्वारा उन्हें प्रशस्ति पत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया।

 

इससे पूर्व उनके जन्मस्थली ग्राम जगमहंत में भी भव्य शोभायात्रा निकालकर उनके आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं पूजन अर्चन कर श्रद्धांजलि दिया गया। पुष्पांजलि अर्पित करने के पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में फल वितरण किया गया। साथ ही सूर्यांश प्रांगण सिवनी (नैला) में परम पूज्य गुरु सहसराम देव जी की पूजन अर्चन कर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया गया।

 

उक्ताशय की जानकारी देते हुए आयोजन समिति के सदस्य शिव प्रधान ने दिया। जयंती समारोह में सूर्यांश शिक्षा उत्थान समिति के सदस्यों, संरक्षकों के साथ समाज के सामाजिक पदाधिकारी, जन प्रतिनिधि, महिला स्व सहायता समूह के सदस्य सहित बड़ी संख्या में जनमानस उपस्थित थे जिनमें हरदेव टंडन, फिरत राम किरण, बजरंग सूर्यवंशी, बसदेव सूर्यवंशी, मनीजर सूर्यवंशी, नेत राम सूर्यवंशी, कमलेश कुमार, सूरज सूर्यवंशी, संजय प्रधान, रामभरोस सूर्यवंशी, अरविंद खरे, श्रीमती नर्मदा सूर्यवंशी, रजनी सूर्यवंशी, उत्तम गोयल, मनीष गोयल, राकेश रत्नाकर, राजू लाठेवाल, रामेश्वर रात्रे, लक्ष्मीचंद कल्यारे, रोहित सोनी, शिव प्रधान, दर्शन गढ़ेवाल, राधेश्याम सूर्यवंशी सहित आयोजन समिति के सदस्य गण उपस्थित थे। इसके अलावा समारोह में महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों में राधा सूर्यवंशी, उमा सूर्यवंशी, गायत्री सूर्यवंशी, जानकी सूर्यवंशी, हेमलता सूर्यवंशी, शर्मिला सूर्यवंशी, गिरिद बाई सूर्यवंशी, दरस बाई सूर्यवंशी, गंगा सूर्यवंशी, सरिता सूर्यवंशी, वृंदा सूर्यवंशी, सविता सूर्यवंशी, झिमी बाई सूर्यवंशी, रजनी सूर्यवंशी, प्रमिला सूर्यवंशी, प्रीतम सूर्यवंशी, सरस्वती सूर्यवंशी सहित अन्य स्वसहायता समूह के सदस्य उपस्थित थे।

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