पीएचई विभाग के ठेकेदार ने नल कनेक्शन का काम किया अधूरा, लोगों को हो रही पानी की किल्लत,,
जिले के कई अन्य गांवों में पीएचई विभाग का भारी भ्रष्टाचार,, आखिर जिम्मेदार कौन,,

पीएचई विभाग के ठेकेदार ने नल कनेक्शन का काम किया अधूरा, लोगों को हो रही पानी की किल्लत,
जांजगीर चांपा। पीएचई विभाग से लगभग 5 किलोमीटर दूरी व चांपा तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सिवनी में इन दिनों जल जीवन मिशन के तहत हर घर मुफ्त नल कनेक्शन देने की सरकार की योजना ठेकेदार एवं अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के कारण साकार नहीं हो पा रही है। आलम यह है कि जिन घरों में नल कनेक्शन लगाए गए हैं उनमें अधिकांश में पानी आना तो दूर पानी की बूंद तक नहीं टपक रही है और जिनमें पानी आ भी रहा है तो उसकी धार इतनी कम है कि बाल्टी भरने में काफी समय लग रहा है।पानी की यह समस्या चिलचिलाती धूप एवं लू के बीच और भी ज्यादा विकराल हो गई है। इसे लेकर ग्रामवासी परेशान है तथा उन्हें पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। ग्रामवासी पूछ रहे हैं कि सरकार ने मुफ्त का नल तो लगवा दिया है पर इस नल में जल कब आएगा।
बलौदा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम सिवनी में ग्रामीण जल जीवन मिशन की स्थिति काफी चिंताजनक है। यहां पौने 2 साल बाद भी नल लगाने का काम पूरा नहीं हो पाया है। इस दौरान एक ठेकेदार काम छोडक़र भाग गया है। दूसरा ठेकेदार जांजगीर का है जिसने अभी तक अपना काम अधूरा छोड़ रखा है। इस मामले में संबंधित विभाग के अधिकारी भी किसी तरह की संज्ञान नहीं ले रहे हैं । इस मामले की शिकायत कई बार पीएच विभाग के अधिकारियों से की गई लेकिन किसी तरह का उन्होंने संज्ञान नहीं लिया । ठेकेदार समय में अपना कार्य नहीं किया और कई घरों में तो कनेक्शन तक ही नहीं लगाया गया, इसके लिए तो जिला प्रशासन को ऐसे ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए । जिन घरों में नल लगाए गए हैं, उनमें आधिकांश की टोटियां सूखी पड़ी हैं। यहां ठेकेदार ने पीएचई से बिल पास कराने लोगों से आधार कार्ड लेकर उनके घरों के सामने आनन-फानन में प्लेटफार्म बनवाकर नल लगवा दिया है तो कई घरों के सामने में सिर्फ कनेक्शन पाइप लाकर छोड़ दिया है।
वर्सन
पाइपलाइन विस्तार का टेस्टिंग किया जा रही इस वजह से देर हुई है जिन घरों में कनेक्शन नहीं लगे हैं वहां लगाए जाएंगे,
पवन अग्रवाल
इंजीनियर पीएचई विभाग
नल कलेक्शन को लेकर विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई है, लेकिन उनके द्वारा इसमें किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया गया,
लखेकुमारी राठौर,
सरपंच सिवनी चांपा,