तहसील कार्यालय के बाबू ने किसान से लिया रिश्वत लेने के बाद नही किया काम,,बोला पैसा ले लो वापस,,
आखिरकार किसके संरक्षण में चांपा तहसील में पदस्थ बाबू का बढ़ रहा हैं मनोबल,,

तहसील कार्यालय के बाबू ने किसान से लिया रिश्वत लेने के बाद नही किया काम,,बोला पैसा ले लो वापस,,
जांजगीर चाम्पा। रिपोर्ट कृष्णा टण्डन। भले ही देश की आजादी को 75 साल पूरे हो चुके हो लेकिन आज भी देश में गरीबों की स्थित पूरी तरह से सुधर ही नहीं पाई। इन गरीबों को और गरीब बनाने के लिए भ्रष्ट अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आज भी देश में भ्रष्टाचार व्याप्त है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के जांजगीर चाम्पा जिले से आया है जहां तहसील कार्यालय के भ्रष्ट बाबू ने गरीब किसान से रिश्वत की मांग की।
दरअसल मामला जांजगीर चाम्पा जिला के चाम्पा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत कोसमंदा का हैं। जहाँ एक किसान रामफल कश्यप ने 1996 में लगभग 28 वर्ष पूर्व शत्रुहन यादव रामगोपाल यादव निवासी कोसमंदा से खसरा नम्बर 2148 रकबा 68 डिसमिल जमीन का क्रय किया गया था,,जिसका ऋण पुस्तिका तहसीलदार द्वारा जारी किया गया हैं लेकिन कुछ साल बीत जाने के बाद शत्रुहन यादव के वरिसानो के द्वारा इस खसरा नम्बर 2148 में का आधा 34 डिसमिल जमीन को प्रहलाद राठौर के पास बेच दिया गया,,बेचने के बाद किसान रामफल को पता चला कि उसका जमीन को शत्रुहन के वरिसानो के द्वारा बेच दिया गया हैं। तब रामफल ने तहसीलदार चाम्पा से गुहार लगाई की 28 साल पहले मैं जमीन इन लोगो से लिया था और मेरे बिना जानकारी के फर्जी दस्तावेज एवं दस्तावेज में कूटरचित कर शत्रुहन के वरिसानो द्वारा बेच दिया गया,,जब कि रामफल कश्यप के द्वारा लगातार इस खसरा नम्बर में धान बिक्री किया जा रहा हैं। और इस ऋण पुस्तिका में ब्यवहार न्यायालय चाम्पा से जमानत भी लिया गया हैं। रामफल कश्यप ने आरोप लगाया हैं की चाम्पा तहसील में पदस्थ बाबू बसंत कुमार राठौर के द्वारा दो माह पहले 10 हजार रुपये लिया गया हैं और आज तक किसी प्रकार का कोई काम नही किया गया हैं। जब किसान द्वारा तहसील में पदस्थ बाबू बसंत कुमार राठौर को बोला कि इस बात को कलेक्टर साहब के पास शिकायत करूँगा कहकर तब बाबू के द्वारा पैसा को वापस करने का का दबाव किसान के ऊपर बनाया जा रहा हैं। आपको बता दे कि चाम्पा तहसील आये दिन इस तरह के मामले में शुर्खिया बटोरते रहता हैं। जब तक ऐसे भ्रष्ट अधिकारी तहसील में पदस्थ हैं तब तक गरीब किसान का काम लटका के रखे रहते हैं। देखते हैं इस समाचार प्रकाशन के बात आला अधिकारी किस प्रकार इस भ्रष्ट बाबू बसंत कुमार राठौर के ऊपर किस प्रकार के कार्यवाही करते हैं।