बंगाल में कुदरत का कोहराम: बारिश और भूस्खलन ने ली 13 जानें, कई लापता; दार्जिलिंग का संपर्क टूटा

दार्जिलिंग उत्तर बंगाल में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। दार्जिलिंग जिले में हुए भूस्खलन और पुल टूटने की अलग-अलग घटनाओं में अब तक कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया है।जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा प्रभावित दार्जिलिंग के मिरिक और सुखिया इलाके हुए हैं, जहां भूस्खलन की चपेट में आकर कई घर जमींदोज हो गए। मिरिक-सुखियापोखरी रोड के पास हुए सबसे बड़े भूस्खलन ने कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़क से काट दिया है। दार्जिलिंग के एक अधिकारी ने सात लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि लगातार बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दार्जिलिंग पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवक मलबे में फंसे लोगों को निकालने के काम में जुटे हैं।बारिश की वजह से दुधिया में लोहे के पुल का एक बड़ा हिस्सा ढह गया, जिसके बाद सिलीगुड़ी को दार्जिलिंग से जोड़ने वाले एसएच-12 हाईवे पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। इस वजह से सैकड़ों पर्यटक और स्थानीय लोग फंस गए हैं। वहीं, कालिम्पोंग में भी स्थिति गंभीर बनी हुई है, जहां कई इलाकों का संपर्क टूट गया है।दार्जिलिंग में हुई इस भीषण त्रासदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में दुख जताया। उन्होंने लिखा, “दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुःखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।